पाक न्यूक्लियर ठिकाने किरण हिल्स में रेडिएशन लीक! आया अमेरिका का बड़ा बयान

पाक न्यूक्लियर ठिकाने किरण हिल्स में रेडिएशन लीक! आया अमेरिका का बड़ा बयान

नेशनल डेस्क: भारत की हालिया एयरस्ट्राइक ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पाकिस्तान के परमाणु ठिकाने किराना हिल्स को लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह सनसनी अफवाहें फैल गई। दावे किए गए कि भारत की कार्रवाई से वहां रेडियोएक्टिव रिसाव शुरू हो गया और स्थिति की जांच के लिए एक अमेरिकी विमान भी मौके पर भेजा गया। इन खबरों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता बढ़ा दी थी। अब इन अटकलों पर अमेरिका ने पहली बार आधिकारिक बयान जारी किया है, जिससे इस पूरे घटनाक्रम पर नई बहस छिड़ गई है।

अमेरिकी विदेश विभाग के मुख्य उप प्रवक्ता थॉमस पिगॉट ने 13 मई को एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि “हमारे पास इस विषय पर फिलहाल कोई पूर्वावलोकन करने लायक जानकारी नहीं है।” उन्होंने स्पष्ट किया कि फिलहाल अमेरिका इन दावों की पुष्टि नहीं कर रहा है।

ऑपरेशन सिंदूर और परमाणु ठिकानों के नजदीक हमले
‘ ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारत ने पाकिस्तान के कई प्रमुख एयरबेस — सरगोधा और नूर खान एयरबेस — पर सटीक हवाई हमले किए थे। यही दोनों ठिकाने पाकिस्तान के परमाणु ढांचे के काफी करीब माने जाते हैं:

नूर खान एयरबेस: पाकिस्तान के न्यूक्लियर कमांड सेंटर से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित।

सरगोधा एयरबेस: किराना हिल्स से लगभग 20 किमी दूर।

यही वजह है कि इन हवाई हमलों के बाद सोशल मीडिया और कुछ रणनीतिक विशेषज्ञों ने दावा किया कि भारत ने किराना हिल्स के न्यूक्लियर साइट पर हमला किया, जिससे रेडियोएक्टिव रिसाव हुआ।

भारत की सफाई और सेना का खंडन
इन दावों को लेकर भारतीय सेना की ओर से पहले ही स्पष्ट बयान आ चुका है कि ऐसा कोई हमला नहीं किया गया, जिससे किराना हिल्स की परमाणु फैसिलिटी को नुकसान पहुंचा हो। भारतीय सेना ने इन खबरों को अफवाह और भ्रम फैलाने वाला बताया था।

अमेरिका ने की भारत-पाक शांति प्रयासों की सराहना
अमेरिका ने सीजफायर की दिशा में भारत और पाकिस्तान दोनों के प्रयासों की सराहना की है। पिगॉट ने बताया कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों — नरेंद्र मोदी और शहबाज शरीफ — की बुद्धिमत्ता और दृढ़ता की तारीफ की है। थॉमस पिगॉट ने कहा, “हम इस बात से उत्साहित हैं कि दोनों देश संवाद की राह पर हैं और हम इसी दिशा में उनके प्रयासों को समर्थन देते हैं।”
अमेरिका ने यह भी दोहराया कि उसका ध्यान सीधे संवाद और स्थिरता पर केंद्रित है। पिगॉट ने कहा कि “राष्ट्रपति ट्रंप ‘अमेरिका फर्स्ट’ एजेंडे के साथ-साथ शांति को भी प्राथमिकता देते हैं। उन्होंने हमेशा संघर्ष समाप्त करने की मंशा दिखाई है।”

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