मथुरा शहर में हर माह 5 हजार लोगों को काट रहे कुत्ते
-भीषण गर्मी में कोर्टिसोल हार्माेन पैदा करता है कुत्ता, बंदर में तनाव
मथुरा। पांच हजार लोग हर महीने मथुरा शहर में कुत्तों का शिकार बन रहे हैं।
हालत यह है कि पिछले चार महीने में 18 हजार हजार कुत्ता काटे के मरीज जिला अस्पताल अपना इलाज कराने पहुंचे हैं। इसके लिए बढा हुआ तापमान भी जिम्मेदार है। वातावरण का तापमान अधिक होने पर कुत्ता बंदर जैसे जानवरों के शरीर में कोर्टिसोल हार्माेन पैदा होता है जो जानवरों के अंदर तनाव पैदा करता है और स्वभाव में आक्रामकता लाता है। जिस कारण कुत्ते के काटने से घायल हुए मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। उमस वाली गर्मी मंे कुत्ते अधिक हिंसक हो जाते हैं। वहीं पालतु कुत्ते आक्रामक हो जाते हैं। सबसे बड़ा खतरा लोगों को स्ट्रीट डॉग्स से रहता है। जिला अस्पताल में रोजाना करीब 190 से 220 एंटी रेबीज के इंजेक्शन लगाए जा रहे है। जिला अस्पताल के सीएमएस मुकुंद बंसल का कहना है कि शहर से लेकर गांवों के गली मोहल्लों में कुत्ता काटे के मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। जिसके चलते पिछले माह अप्रैल माह से लेकर 16 जुलाई तक करीब 18000 हजार लोगों को एंटी रेबीज के इंजेक्शन जिला अस्पताल में लगाए गए हैं। जिला अस्पताल में एंटी रेबीज का इंजेक्शन लगवाने आए गौरव कुमार निवासी लक्ष्मीनगर ने बताया कि शुक्रवार दोपहर करीब दो बजे गांव में ही किराना की दुकान पर घर का सामान लेने जा रहा था। रास्ते में बैठे एक आवारा कुत्ते ने अचानक हमला कर पैर में काट लिया। अब तो घर से बाहर निकलने में भी डर लगता है।
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