देवशयनी एकादशी पर परिक्रमार्थियों ने की पंचकोसी परिक्रमा
-एकादशी के पावन मौके पर बांके बिहारी मंदिर में उमड़ा श्रद्धालुओं का हुजूम
मथुरा। आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की देवशयनी एकादशी पर सुबह से ही पंच कोसीय परिक्रमा मार्ग में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। हजारों भक्तो ने यमुना स्नान के साथ नगर की परिक्रमा कर पुण्य लाभ अर्जित किया। परिक्रमार्थियों की सेवार्थ समाजसेवी संस्थाओं द्वारा स्थान स्थान पर प्याऊ लगाकर शीतल जल व शरबत वितरित किया गया। जिसका परिक्रमार्थियों ने भरपुर लाभ उठाया। इसी मान्यता है कि इस दिन से चार महीने के लिए भगवान विष्णु योग निद्रा में रहते हैं और इसके साथ शुभ व मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है। इस दिन से सृष्टि का संचालन भगवान शिव करते हैं। इसलिए इसे देव शयनी एकादशी के कहा जाता है। आज के दिन जो भक्त व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा अर्चना कर दान आदि करता है। तो उस पर भगवान विष्णु की कृपा बरसती है। वहीं विश्व प्रसिद्ध ठाकुर श्री बांके बिहारी मंदिर में भी श्रद्धालुओं का ताता लगा रहा। दूर दराज से आए हजारों श्रद्धालुओं ने ठाकुर बांके बिहारी लाल के शरण में अपना माथा टेका। श्रद्धालुओं की भीड़ के आगे शासन प्रशासन द्वारा बनाई गई व्यवस्थाएं ध्वस्त होती हुई नजर आई। वहीं कई व्यापारी तो भीड़ को देखते हुए नुकसान ना हो इस कारण से अपने अपने प्रतिष्ठान बंद कर चले गए।
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