होडल। राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर जहां पूरा देश पत्रकारों को शुभकामनाएं संदेश प्रेषित कर रहा है वहीं दूसरी ओर हरियाणा प्रदेश के पूंडरी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक सतपाल जांबा द्वारा विधानसभा में पत्रकारों पर विरोधाभास टिप्पणी कर गाइडलाइंस तय करने की मांग रखी है। भाजपा विधायक सतपाल जांबा की इस टिप्पणी को लेकर देश भर के पत्रकार संगठनों में भारी नाराजगी जताई जा रही है। उक्त मामले को लेकर सामाजिक संगठनों ने भी विधायक के प्रति तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
होडल पत्रकार संघ द्वारा उक्त विधायक द्वारा दिए गए बयान को आपात बैठक बुलाई गई और विधायक के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया गया। पत्रकार संघ की बैठक में सभी पत्रकारों ने उक्त भाजपा विधायक के खिलाफ मोर्चा खोलकर प्रदशर्न करते हुए ज्ञापन देने पर विचार किया गया है। उक्त मामले को लेकर होडल पत्रकार संघ के अध्यक्ष मधूसुदन भारद्वाज, चंदर प्रकाश गर्ग, गौरव बंसल, रोशन लाल शर्मा, ऋषि भारद्वाज, डोरीलाल गोला, हरिओम भारद्वाज, प्रवीण सैनी, रतन सिंह चौहान, दीपक भारद्वाज, महावीर सिंह ने कहा कि स्वतंत्र और मुक्त प्रेस एक मजबूत लोकतंत्र के चार स्तंभों में से एक है। मीडिया एक लोकतांत्रिक राष्ट्र के स्तंभों में एक कार्यकर्ता के रूप में कार्य करता है। विभिन्न मीडिया घराना (प्रिंट और प्रसारण) में काम करने वाले पत्रकार दर्पण के रूप में कार्य करते हैं। इस दौरान मीडिया कर्मियों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
राष्ट्रीय प्रेस दिवस के मौके पर एक विधायक द्वारा विधानसभा में पत्रकारों के प्रति ऐसी भावना रखने वाले विधायक को विधानसभा में जाने से पूर्व यह देख लेना चाहिए कि जिस विधानसभा में वह पत्रकारों के प्रति ऐसी टिप्पणी कर रहे हैं उस विधानसभा से लेकर लोकसभा सदन में ऐसे बहुत सदस्य हैं जिनपर जबरन वसूली और जघन्य मामले दर्ज हैं। क्या विधानसभा को यह तय नहीं करना चाहिए कि विधायक बनने से पहले जिस विधायक के पास डेढ़ एकड़ जमीन होती है पांच वर्षों में वही जमीन पचास एकड़ में कैसे बदल जातें हैं।
पत्रकारों ने मांग की है भाजपा विधायक को यह नहीं भूलना चाहिए कि जिस पार्टी से वह विधायक चुनकर आए हैं उस पार्टी के सर्वे सर्वा देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सोशल मीडिया की शह पर जीत हासिल कर पहली बार प्रधानमंत्री बने। सोशल मीडिया को सबसे ज्यादा तवज्जो पिछले दो चरणों के लोकसभा और विधानसभा चुनाव में भाजपा ने ही दी है। भाजपा के तथाकथित विधायक मीडिया पर गाइडलाइंस तय कराने से पहले यह तय करें कि चुनाव के दौरान चुनाव आयोग के तय राशि में चुनाव प्रचार संभव है उसके बाद मीडिया पर सवाल उठाए।