ओवर लोडिंग ले रही है लोगों की जान, कब चलेगा अभियान
-हादसों की आड में चालान का चाबुक, असल खतरे को अभयदान
-बिना डर के चल रहे सड़कों पर ओवरलोड वाहनों पर नहीं हो रही कार्यवाही
मथुरा। ओवरलोडिंग लोगों की जान ले रही है। लगातार हादसों के बावजूद जिम्मेदार मेहवान बने हुए हैं। वृंदावन की सड़कों पर दौड़ रहे ओवरलोड वाहन हादसों को न्यौता दे रहे हैं, जबकि ओवर लोड वाहनों पर पुलिस की ओर से भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। शहर की सड़कों पर लोग अपनी जान जोखिम में डालकर बस, ऑटो की छत पर बैठकर व ऑटो ई रिक्शा पर लटक कर यात्रा कर रहे हैं। क्षेत्र में लंबे समय से ओवरलोड वाहनों का संचालन हो रहा है। कई वाहन चालक ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में क्षमता से अधिक सवारियां ढो रहे हैं। हालांकि पुलिस व परिवहन अधिकारी समय-समय पर ओवरलोड वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की बात तो कहते हैं।लेकिन वर्तमान में कार्यवाई सिर्फ सड़क सुरक्षा जैसे अभियानों और विभाग की ओर से दिए जा रहे टारगेट को पूरा करने तक सीमित है। लोगों का कहना है कि कोतवाली पुलिस और ट्रैफिक पुलिस सिर्फ ई रिक्शाओ के चालान कर अपने कार्य की इतिश्री पूरी कर लेती है, लेकिन क्षेत्र में चल रहे डग्गेमार वाहन, व बिना परमिट के दौड़ रहे टेंपो और सवारियो को ओवर लोड लेकर चल रही बसों की ओर पुलिस का कोई ध्यान ही नहीं है। जबकि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शेलेश कुमार पांडेय द्वारा धार्मिक नगरी की यातायात व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए कोतवाली पुलिस के साथ, यातायात पुलिस के अलावा तीज त्यौहारो पर अतिरिक्त पुलिस कर्मियों की तैनाती भी की जाती है। बाबजूद इसके ओवर लोड वाहन सड़को पर दौड़ते देखे जा सकते है।ऐसा न हो की कोतवाली पुलिस और ट्रैफिक पुलिस की लापरवाही किसी दिन एक बड़े हादसे का सबब बन जाए। यहा बताते चले की कई वर्ष पूर्व मथुरा वृंदावन मार्ग पर ओवर लोड टेंपो के पलट जाने से आदा दर्जन से अधिक लोगो घायल हो गए थे। लोगों का कहना है कि हादसों की बडी वजह बन रही ड्रिंक एण्ड ड्राइव पर मथुरा में कार्यवाही कभी कभार ही देखने को मिलती है। ड्रिंक कर वाहन चलाने वालों के खिलाफ कार्यवाही हो तो हादसों में कमी दर्ज की जा सकती है।
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