मंदिर रिसीवर और सेवायत क्यों मुंह मोड़ रहे हैं अपनी जिम्मेदारी से ! क्या मंदिर आज कल मजाक बन गए हैं! सनातन धर्म को किसी और से नहीं अपनों से ज्यादा खतरा! पैसे के लालच में मंदिरों की मर्यादा हो रही तार तार! क्या पैसे के आगे मंदिर की कोई मर्यादा नहीं कोई नियम नहीं क्या यह सब मजाक है!
बाप बड़ा ना भैया सबसे बड़ा रुपैया
राधा रानी मंदिर के रिसीवर सदस्यों द्वारा गोस्वामी समाज के लोगों से मिलकर मंदिर की व्यवस्था पर टिप्पणी नहीं करने का बना रहे हैं दबाव
मथुरा। बरसाना राधा रानी मंदिर में एक के बाद एक हो रही त्रुटियों पर सबक लेने की बजाय रिसीवर समिति के सदस्यों द्वारा लोगों के घर-घर जाकर दबाव बनाया जा रहा है कि वह मंदिर में हुए कार्यक्रमों को लेकर सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार की टिप्पणी न करें, जिसको लेकर अब बरसाना में इस विषय पर चर्चा तेज हो चली है। बरसाना में यह भी चर्चा है कि विशेष तौर पर गोस्वामी समाज के लोगों के घर-घर जाकर जिसमें ज्यादातर मंदिर की सेवाओं से जुड़े विशेष सम्मानित व्यक्तियों से भी बात की गई है कि वह गोस्वामी समाज के लोगों को शांत रखने में उनकी सहायता करें, जिनके द्वारा मंदिर में हुए जन्मदिन और विवाह कार्यक्रम पर सवाल उठाए गए हैं। नाम नहीं छापने का आग्रह करते हुए गोस्वामी समाज के एक व्यक्ति ने बताया कि वह मंदिर की मर्यादा खंडित करते हुए कार्यक्रमों से आहत हैं और राधा रानी मंदिर से रिसीवर समिति के सदस्य प्रवीण गोस्वामी द्वारा अपने कई लोगों के साथ मंदिर में हुए कार्यक्रमों उठे विवाद को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के व्हाट्सएप ग्रुप पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने वाले उन सभी सम्मानित व्यक्तियों के घर जाकर, हो चुके कार्यक्रमों पर टिका-टिप्पणी नहीं करने का दबाव बनाया जा रहा है, जिसका असर अब देखने को भी मिल रहा है कि व्हाट्सएप ग्रुप पर गोस्वामी समाज की ओर से कार्यक्रमों को लेकर ज्यादा टिप्पणी देखने को नहीं मिलरही है। लेकिन इसके विपरीत बरसाना के भक्तों द्वारा मंदिर में हुए कार्यक्रमों पर अभी भी आक्रोश भाव देखा जा रहा है जो रिसीवर समिति के सदस्यों को इस कृत्य के लिए सख्त सजा के रूप में उन्हें मंदिर से सभी दायित्व से मुक्त करने की मांग कर रहे हैं।
समाजसेवी ठाकुर दिनेश सिंह कहते हैं कि राधा रानी मंदिर में गोस्वामी की हठधर्मिता चरम पर है। वह स्थानीय श्रद्धालुओं को कोई महत्ता नहीं देते हैं जबकि उनकी निगाह बाहरी श्रद्धालुओं पर टिकी रहती हैं। उन्होंने कहा कि उनको रुपयों के सिवाय कुछ भी नजर नहीं आता है, ऐसे लोगों को तत्काल हटा देना चाहिए।
संजय गोस्वामी एडवोकेट कहते हैं की मंदिर की प्रबंधन कमेटी के लोगों से गलतियां हुई है और ऐसे में बरसाना के लोगों के आक्रोश भाव को गलत कहना अनुचित होगा। राधा रानी मंदिर के जिन जिम्मेदार लोगों की गलतियों से बृजवासी आक्रोशित हुए है उन्हीं को शांत करने की जिम्मेदारी भी मंदिर के उन्हीं जिम्मेदार लोगों की जिम्मेदारी है। गलतियां होने पर क्षमा मांग लेना एक समझदार व्यक्ति की निशानी होती है।
निर्भय गोस्वामी ने बताया कि राधा रानी मंदिर में अव्यवस्थाओं का बोलबाला है। रिसीवर समिति के सदस्यों द्वारा मंदिर की मर्यादा बनाएं में सक्षम नहीं है, इनको हटाया जाना अति आवश्यक है, ताकि जिम्मेदार लोगों का चयन हो और मंदिर की व्यवस्था और मर्यादा दोनों बनी रहे। उन्होंने बताया कि इसके लिए उन्होंने न्यायालय में प्रार्थना पत्र भी दिया है जिस पर 20 जुलाई की तारीख मिली है सम्भवत इस दिन प्रबंधन कमेटी पर कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है।
राधा रानी मंदिर के समिति सदस्य प्रवीण गोस्वामी ने मंदिर में होने वाले ऐसे किसी भी कार्यक्रम का होने से इंकार किया है जिस पर मंदिर की मर्यादा और व्यवस्था पर सवाल उठाए जाएं। मंदिर में कोई भी विवाह नहीं कराया जा रहा था। विवाह से पूर्व जो भी कार्यक्रम दिल्ली से आए लोगों द्वारा किया गया वह मंदिर के बाहर का है। उन्होंने माना की मंदिर में कार्यक्रम के दौरान लगी कुर्सियां जो की सही नहीं है उसके लिए उनको मना कर दिया गया और उसके बाद वह सभी लोग चले गए।
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