सड़क का महत्व गांव वाले जानते हैं…!
सड़क का महत्व तो गांव वाले ही जानते हैं,
रोज़ कच्चे रास्ते को पार करना वे ठानते है।
सुबह की पहली किरण जब घर पे पड़ती है,
जब आँखें खुद-ब-खुद डर से खुल जाती हैं।
रास्ते का मतलब सिर्फ दूरी तय करना नहीं,
हर दिन एक इम्तिहान है सहनशीलता वहीं।
सड़क का महत्व तो गांव वाले ही जानते हैं,
रोज़ कच्चे रास्ते को पार करना वे ठानते है।
कुछ गांव आज भी जहां पक्की सड़क नहीं,
जो रास्ता स्कूल, अस्पताल या बाजार कहीं।
मिट्टी, धूल और गड्डों का लंबा थकाऊ सफर,
बारिश में कीचड़ से लथपथ हो ढाता कहर।
सड़क का महत्व तो गांव वाले ही जानते हैं,
रोज़ कच्चे रास्ते को पार करना वे ठानते है।
गर्मियों में तपती हुई रेत से भरा वहीं रास्ता,
जीवन में अवरोध बन हालत करता खस्ता।
सड़क की कमी गांव के बुजुगों पर हैं असर,
ये रास्ता दिनचर्या में अभिशाप रहा हैं पसर।
संजय एम तराणेकर
(कवि, लेखक व समीक्षक)
इन्दौर-452011 (मध्यप्रदेश)